हा कभी कभी मै खोता था,
निद खोती थी
पर चैन तो नहीं खोती थी।
फिकर वहां भी होती थी
पर कोई दिन यूहीं निष्काम नहीं होती थी
क्यों नकारा हो जाता हू
जब तेरे साथ होता हूं
पहले भी दिन ऐसा हुआ करता था |
pradeepkumarjhalu |
पहले भी दुनिया बुरी थी ||
खोज लेता था कहीं मासूमियत
पर दुनिया के बुरी होने से मेरी
मेरी दुनिया बुरी नहीं होती थी।।
अफसोस हुआ होगा ना बहुत
सब ख़ामोश होने के बाद
पहले भी खामोशी होती थी
पर खुशियां ख़ामोश नहीं होती थी ||
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