Friday, February 23, 2018

एक त्यौहार आया

आज तेरे आने से एक बहार आया ।
 एक त्यौहार आया ।।
सूखे पेड़ सूखे पत्ते में भी सुसकार आया
सुख ओठ सुखी पलको पर भी
औष की बूदों सी  फुहार आया ।
यू तो अभी मौषम है पतझड़ का
ये कहा से बसन्त का बौझार आया
       आज तेरे आने से एक बहार आया ।
        एक त्यौहार आया ।।।
सुखी नदिया सुख मौषम में
एक छोटी बौछार  आया
सुख रहा था मन सुख रही ऑखो में
एक ठंडी से बयार आया
आज तेरे आने से बसंत आया
बसन्ती बयार आया ।।
      आज तेरे आने से एक बाहर आया ।
      एक त्यौहार आया ।।।

मुझे याद करना

जब कभीं अकेला महसूस करना ।
तो मुझे याद करना

तुम खुश ना हो ना सही ।।
खुस रहने का मुक्कमल प्रयास करना
बैठे रहना कुछ करते रहना
कुछ ना कहना कुछ ना सुनना
ना दिल दुखाना न दिल दुखने देना
अगर इससे भी मन ना लगे तो।
मन से मन को एक बार फरियाद करना

जब कभी अकेला महसूस करना ।
तो मुझे याद करना ।

मैं वैसा हु , मैं ऐसा हु ।
इसमें टाइम ना बरबाद करना
दिल का सुनना दिल से बाते करना
दिल से ही फरियाद करना
दिल से ही एक दिल को याद करना
फिर भी -

जब भी अकेला महसूस करना
मुझे याद करना

ना मैं अलग हु न तुम अलग हो ।
दिल से बस ये बिस्वास करना
फिर भी अगर सुकून न मिले दिल को तो।
ऑखे बन्द कर ऑखों से ही
दोनों मीठे बाते करना ।।
फिर भी अगर

जब कभी भी अकेला महसूस करना
तो मुझे याद करना ।।

तुम हो तुममें  मैं भी हु ऐसा
तुम खुद से एहसास करना
फिर भी कभी ऑखे भर जाए तुम्हारी
ऑखो को बंद कर
ऑखो से ही ऑखों का फरियाद करना ।
फिर भी अगर

जब कभी भी अकेला महसूस करना
तो मुझेजब कभीं अकेला महसूस करना ।
तो मुझे याद करना

तुम खुश ना हो ना सही ।।
खुस रहने का मुक्कमल प्रयास करना
बैठे रहना कुछ करते रहना
कुछ ना कहना कुछ ना सुनना
ना दिल दुखाना न दिल दुखने देना
अगर इससे भी मन ना लगे तो।
मन से मन को एक बार फरियाद करना

जब कभी अकेला महसूस करना ।
तो मुझे याद करना ।

मैं वैसा हु , मैं ऐसा हु ।
इसमें टाइम ना बरबाद करना
दिल का सुनना दिल से बाते करना
दिल से ही फरियाद करना
दिल से ही एक दिल को याद करना
फिर भी -

जब भी अकेला महसूस करना
मुझे याद करना

ना मैं अलग हु न तुम अलग हो ।
दिल से बस ये बिस्वास करना
फिर भी अगर सुकून न मिले दिल को तो।
ऑखे बन्द कर ऑखों से ही
दोनों मीठे बाते करना ।।
फिर भी अगर

जब कभी भी अकेला महसूस करना
तो मुझे याद करना ।।

तुम हो तुममें  मैं भी हु ऐसा
तुम खुद से एहसास करना
फिर भी कभी ऑखे भर जाए तुम्हारी
ऑखो को बंद कर
ऑखो से ही ऑखों का फरियाद करना ।
फिर भी अगर

जब कभी भी अकेला महसूस करना
तो मुझे याद करना।।

 याद करना।।

ऐसा क्यो ना कोई कहता था

मैं खुस हु की ना  खुश हूं
ऐसा क्यों ना कोई कहता था ।

सब कुछ था पर कुछ न था
तुम थे हम थे दुनिया था
फिर भी एक कमी सा क्यो रहता था।
ऐसा क्यों था वैसा क्यो था
हमेशा एक उलझन सा रहता था ।
क्यो था क्यो ऐसा ही था
कभी ये दिल न कुछ कहता था।
रोज़ घूमता फिरता रहता ।
फिर भी क्यो न कुछ मिलता था ।
सब कुछ मिलता
हवा और  पानी , सूर्य और तारे
घर द्वार , बाग-बगीचे ।
मैं क्यो न उसमे मिलता था ।
सब खुश थे समय भी खुश था
फिर भी कुछ कमी सी रहता था
सब कुछ था पर मैं खुश न था
कुछ ऐसा दिल मुझसे कहता था ।
 फिर भी -
मैं खुश हु की ना खुश हूं
ऐसा क्यो ना कोई  कहता था ???

Wednesday, February 14, 2018

न जने किसे पता है ।।

जिन्दगी सवर रही, कि बिखर रही ।
न जने किसे पता है ।।
मैं कुछ पा रहा, कि खो रहा ।
न जने किसे पता है ।।
जिंदगी मुझे कुछ सीखा रही, कि अजमा रही।
न जाने किसे पता है।।
मैं कुछ कर रहा, कि कुछ बिसर रहा ।
न जाने किसे पता है।।
मैं शौख में हु, कि खौफ में है।
न जाने किसे पता है।।
@@@@@@@@@@@@@@@

मैं जी रहा, कि जीने की ख्याइस है।
न जाने किसे पता है।।

यह एक गम है, या गमो की ख्याइस है।
न जाने किसे पता।।
यह एक जाम है, या जहर जिसे मैं पी रहा।
न जने किसे पता।।
मैं जिंदगी जी रहा, कि जिंदगी मुझे जिला रही।।
न जाने किसे पता।।
मैं यह जहर पी रहा, कि यह खुद मुझे पिला रही ।
न जाने किस पता ।।
मैं सब कुछ खो जाऊंगा, कि कुछ हो जाऊंगा ।
न जाने किस पता ।।

जरा सोचो तन्हाई में क्या होगा।

अभी तो तुम खुस  तो जी लोगे ।
जरा सोचो तन्हाई में क्या होगा।

अभी मैं भी हु मेरा साथ भी  है
बिम्ब भी आंच भी है
जरा ये ना रहा तो क्या होगा।

अभी तो हम खुस है तो जी लेंगे।
जरा सोच तन्हाई में क्या होगा।

अभी एक आस भी है एक प्यास भी है
जीवन में सब  कुछ खास सी है ।
मैं हु तुम हो मानो सब कुछ पास सी है ।
मॉ भी है बाप भी है।
फिर भी जीवन बकवास सी है
जरा सोचो ये ना होगा तो क्या होगा।

अभी तो तुम खुस हो तो जी लोगे।
जरा सोचो तन्हाई में क्या होगा।

ये छोटी बात सी है ये छोटा आस सी है
सब कुछ आस पास सी है ।
ये खूबसूरत एहसास सी है
जरा सोचो यह एहसास भी न होगा
तो क्या होगा ।।

अभी हम खुस है तो जी लेंगे ।
जरा सोचो तन्हाई में क्या होगा।

खुस रहो खुसी के साथ रहो
तुम खास रहो किसी के पास रहो
दुनिया से जुड़े रहो।
दुनिया के आस पास रहो
तुम खुद से अपने आप मे रहो
जरा सोचो जब खुद में न होंगे तो
क्या होगा ।।

आज हम खुस है तो जी लेंगे ।
जरा सोचो तन्हाई में क्या होगा।