बेखबर बेसहर बेरहनुमा हो गया मै
बैठा बैठा ही, बेगुन्हा हो गया मै
अरे पत्थर मारने से पहले, बता दिए होते
कल तक खासम खास था
आज कैसे बेजुबा, हो गया मै ।।
प्यार था तुमसे, पालतू नहीं था मै
बुला के पास डाबर दिए
फ़ालतू नहीं था मै
जहा था वहां भी मुक्कमल था मै
बुलाए तो, पार लगा दिए होते ।।
तुम्हारे रोशनी के लिए
कितने साल जलाया था मै
कुछ दिन कुछ महीने और लगा दिए होते
तुम्हारे खुशी के लिए कितने गामो को जलाया था मै
मेरे खड़े होने तक, अपनी खुशी छुपा लिए होते।।
माना खुशियों का सौदागर नहीं था मै
जहा खुश थे वहीं कुछ दिन और बिता लिए होते
अपनी खुशियां बेच भाभिष्य खरीद रहा था मै
तुम भी मुशाफिर बन, बोली लगा लिए होते।।
अच्छे व्यापारी हो
बस एक पायल पे लगा दिए कीमत मेरी
सुना वो भी तीसरे दिन ही टूट गया
इससे अच्छा मेरी कीमत
किसी कागज पे लगाए होते।।
बिकाऊ नहीं था मै
खैर मुझे बेच किताबे ला दिए होते
इतना सस्ता था मै और मेरी वफ़ा की
इससे तेरी मुक्कमल खुशी ना मिली
अच्छा था अस्पताल जाते और
मेरी दिल की कीमत लगाए होते ।।
जहा बेचे उस लायक नहीं था मै
थोड़ा और उचा कीमत मेरी लगाए होते
कभी तेरा सौदा अपने खुशियों से नहीं किया था मै
सौदा करके भी खुश रह के दिखाए होते ।।
क्यों भटक रहे अभी भी
अलग अलग सौदागरों के पास
कोई अच्छा सा सौदा देख
मेरा सौदा लगाए होते ।।
सही कहा था तुमने
परमानेंट प्रोपर्टी था मै तुम्हारा
अब जरुरत नहीं थी, तो इतनी जल्दी क्यों थी
थोड़ा मार्केट देख के कीमत लगाए होते ।।।
-@pjhalu
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