Thursday, August 31, 2017

तुम दरिया समंदर की प्यास हो मेरी

तुम दरिया समंदर की प्यास हो मेरी
तुम जीवन की आस हो मेरी।
घुल जाए ये जिंदगी पानी में मेरी
लेकिन रेत की तरह तुम ढाढस ही मेरी ।।

तुम दरिया समंदर की प्यास हो मेरी ।
तुम जीवन की आस हो मेरी।।

चाह है तुमको पाने की मेरी
तुम जीवन की एक विस्वास हो मेरी।
मिल जाए तुम जो जीवन को 
ये जीवन की सरताज हो मेरी ।।

तुम दरिया समंदर की प्यास हो मेरी ।
तुम जीने की आस हो मेरी।।

तुम हो तो जीवन की एक मकसद है
तुम न तो जीवन लाश है मेरी।
तुम मिले तो जीवन मिल जाए मुझसे
तुम न मिले तो जीवन की अवकाश हो मेरी ।।

तुम दरिया समंदर की प्यास हो मेरी ।
तुम जीने की आस हो मेरी।।


तुमसे हमारी आस क्या है ।
हम में तुम बिन खास क्या है ।।
तुम हो तो मैं हु ।
वरना तुमारे बिना मेरी औकात क्या है ।।

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