Thursday, August 31, 2017

कुछ सोच नई

कुछ सोच नई, कुछ कर नई ।
कुछ चाह नई,कुछ राह नई ।।

तू नई, तेरा ख्याब नई।
तुम हो तो जीवन नई नई ।।
तुम ना तो जीवन कुछ नही।।।

कुछ ख्याब नई, कुछ रंग नई।
कुछ प्यार नई, कुछ संग नई ।।
तेरा अंग नई , तेरा घमंड नई।।।

तुम हो तो जीवन नई नई ।
तुम ना तो जीवन कुछ नई।।

तू नई, तेरा ये अवतार नई।
तेरी शृंगार नई, तेरी ये विचार नई।।
तू कुछ खास नई, ये मुझे विश्वस नही।।

तू नई, तेरा ख्याब नई ।
तुम हो तो जीवन नई नई।।
तुम ना तो जीवन कुछ नही ।।।

तुम पर अब एतबार नई, देख के तेरा ये प्यार नई।
तुम कर रही रोज़ अविष्कार नई नई ।।
तुम्हे पाकर भी, पाया कुछ नही ।।।

ये तेरा प्यार नई, सत्कार नई ।
तुम थे तो जीवन नई नई ।।
तुम ना तो जीवन कुछ नही ।।।

तू सोच के कुछ नई हो गई
ये पाकर तुम कही और हो गई
तुम सोच लिया जो सोचना था
 कुछ बदला नही अब
बस तेरी सोच अब नई हो गई

No comments:

Post a Comment

please don't enter any spam link in the comment box....!