Sunday, April 11, 2021

Afshos thoda hai mujhe|Hindi/urdu shayari, kavita,poetry|अफसोस थोड़ा है मुझे

Hindi/urdu shayari, kavita,poetry

अफसोस होता है कभी कभी अपने खुद के होने का
अफसोस होता है कभी कभी सब कुछ खोने का
छोड़ देता मै भी सब कुछ नसीब के भरोसे
पर कैसे कोई रोक पाए कोई खुद को
जब कोई लंगड़ा तोड़ रहा हो सपना ।।

ये चुनौती ये बदनामी
ये बेगैरत भारी जिंदगी कौन जिएगा
बस थोड़ा कायर है ना हम
pradeepkumar jhalu


अपने से तो हम लड़ लेंगे
पर ये दुनिया से कौन लड़ेगा ।।



असोस एक और भी है अफसोस के लिए
जो अंधे है पर उनका क्या जों आंखे रहते नहीं दिखता
यहां हर चीज का मोल है बस वो अपना न हो
वरना बेगैरत (बेकार) लोगो का भी है एक सपना

No comments:

Post a Comment

please don't enter any spam link in the comment box....!