Saturday, January 13, 2018

लेकिन मै अभी खडा हुँ।

ये दिल है सिद्दत भरा, सिद्दत भारी जिंदगी है
कोई जिंदगी जी रहा, किसी को जीने की पड़ी है।
ये जीत है या असफलताओ की कड़ी है
ये एक लारी है, जो मुझपे पड़ी है।
सब कुछ छूट रहा, फिर भी ये मुझ पे अड़ी है।
ये दुनिया चल रही, लेकिन ये ( जिंदगी मेरी) अभी खड़ी ।
लेकिन ये अभी खड़ी।

ये दिल है सिद्दत भरा, सिद्दत भारी जिंदगी है
कोई जिंदगी जी रहा, किसी को जीने की पड़ी है।

किसी को क्या मुझसे पड़ी ।
क्योकि सबको पता है,की ये वही है
जिसकी जिंदगी ना तो खड़ी,
ना तो पड़ी,
ये बात कुछ बड़ी, पर मुझपे पड़ी।
ये जीवन का कड़ी।
कही छाँव, तो कही धूप खड़ी ।
ये इम्तहान है, या इम्तहान की घड़ी।
ये सबको समझाता, खुद को समझाने को पड़ी है।
खुद को समझने को पड़ी है।

ये दिल है सिद्दत भरा, सिद्दत भारी जिंदगी है
कोई जिंदगी जी रहा, किसी को जीने की पड़ी है।

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